दिमाग़ के फैसलों का
दिल के रवैय्ये पर कहाँ कोई इख़्तियार है
फ़ैसला तो हमने भी किया था
तुम्हे याद न करने का
तुम्हारा नाम तक न लेने का
यह जो भूल बैठे थे
कि दिल की धड़कनों का लेय ही
तुम्हारा नाम है
दिल के रवैय्ये पर कहाँ कोई इख़्तियार है
फ़ैसला तो हमने भी किया था
तुम्हे याद न करने का
तुम्हारा नाम तक न लेने का
यह जो भूल बैठे थे
कि दिल की धड़कनों का लेय ही
तुम्हारा नाम है
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