Sunday, August 27, 2017

maloom hai mujhe

बाक़ी के पास तो वक़्त नहीं
इतनी ख़बर है मुझे
तुम्हारे पास आई हूँ
पता है
आज भी हर दिन में
कुछ पल मेरे नाम कर रखे हैं तुमने 

mil jaao agar kabhi

कभी अगर तुम मुझसे मिल जाओ
तो ज़र्रा नवाज़ी की उम्मीद तो ना रखोगे मुझसे
में मसरूफ होंगी
तुम्हारे हर ज़र्रे की नवाज़िश में 

Wednesday, August 23, 2017

duvidha

दीया में बैठी बाती हूँ
सोच रही हूँ
लौ बनूँ कि नहीं